मनुष्य के जीवन में वृक्ष की बहुत मान्यता है| वृक्ष हमें कितनी सारी चीज़ें प्रदान करते हैं| परन्तु सबसे अहम् वे हमें आक्सीजन देते हैं, जिसके कारण हम जीवित हैं| कहीं-न-कहीं हम सब को यह बात पता है कि वृक्ष हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं, तब भी हम उन्हें काटते हैं|
वृक्ष उन्हें भी छाया, लकड़ी और फल देते हैं जो उन्हें काटते हैं| यह बात हम सब को पता तो है परन्तु कोई मानना नहीं चाहता| हम जब पेड़ों को काटते हैं तो यही सोचते हैं कि "एक पेड़ को काटने से क्या हो जायेगा"| लेकिन एक-एक करके वे लाखों की तादाद में कट जाते हैं| दोस्तों! पर्यायवरण के बारे में नहीं, तो, कम-से-कम अपने बारे में हे सोच लीजये| अगर पेड़ नहीं तो हम नहीं|
अच्छा वो सब छोडिये| एक बात बताइए, आज-कल काफी गर्मी हो रही है ना? बारिश का तो नामो-निशाँ नहीं है| घर से बहार निकलो तो लगता है की अभी बस बेहोश हो जायेंगे| लेकी इन सब का कारण क्या है? पेड़ों का काटना| जी हाँ! पेड़ों के काटने से मौसम में काफी बदलाव आते हैं| बारिश न होना, अत्यंत गर्मी पड़ना, भू:असखलन, आदि|
आपने कभी पेड़ों को बोलते हुए देखा है? मनुष्य तो इनकार करने के लिए न बोल सकता है, परन्तु पेड़ नहीं| पेड़ अपनी छाया देने में भेद-भाव नहीं करते|वे सारी चीज़ें देने से पहले हम से यह नहीं पूछते कि हमारा धर्म या लिंग क्या है| मनुष्ट को पेड़ों से सीखना चाहिए| मनुष्य तो हर चीज़ में भेद-भाव करता है| मुष्य के पास तो चीज़ें न देने के बहाने-हे-बहाने हैं| कभी जाति का बहाना तो कभी उम्र का| कभी धर्म का तो कभी लिंग का| सिर्फ क्यूंकि पेड़ बोल नहीं सकते, इसका मतलब ये नहीं कि उन्हें दुःख नहीं होता|
दोस्तों! हम सब को यह समझना होगा की वृक्ष हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं| हमें उन्हें काटना नहीं चाहिए| हमें उनसे भेद-भाव न करने की सीख लेनी चाहिए| एक से शुरुआत तो कीजये बाकि सब खुद समझ जायेंगे|
वृक्ष उन्हें भी छाया, लकड़ी और फल देते हैं जो उन्हें काटते हैं| यह बात हम सब को पता तो है परन्तु कोई मानना नहीं चाहता| हम जब पेड़ों को काटते हैं तो यही सोचते हैं कि "एक पेड़ को काटने से क्या हो जायेगा"| लेकिन एक-एक करके वे लाखों की तादाद में कट जाते हैं| दोस्तों! पर्यायवरण के बारे में नहीं, तो, कम-से-कम अपने बारे में हे सोच लीजये| अगर पेड़ नहीं तो हम नहीं|
अच्छा वो सब छोडिये| एक बात बताइए, आज-कल काफी गर्मी हो रही है ना? बारिश का तो नामो-निशाँ नहीं है| घर से बहार निकलो तो लगता है की अभी बस बेहोश हो जायेंगे| लेकी इन सब का कारण क्या है? पेड़ों का काटना| जी हाँ! पेड़ों के काटने से मौसम में काफी बदलाव आते हैं| बारिश न होना, अत्यंत गर्मी पड़ना, भू:असखलन, आदि|
आपने कभी पेड़ों को बोलते हुए देखा है? मनुष्य तो इनकार करने के लिए न बोल सकता है, परन्तु पेड़ नहीं| पेड़ अपनी छाया देने में भेद-भाव नहीं करते|वे सारी चीज़ें देने से पहले हम से यह नहीं पूछते कि हमारा धर्म या लिंग क्या है| मनुष्ट को पेड़ों से सीखना चाहिए| मनुष्य तो हर चीज़ में भेद-भाव करता है| मुष्य के पास तो चीज़ें न देने के बहाने-हे-बहाने हैं| कभी जाति का बहाना तो कभी उम्र का| कभी धर्म का तो कभी लिंग का| सिर्फ क्यूंकि पेड़ बोल नहीं सकते, इसका मतलब ये नहीं कि उन्हें दुःख नहीं होता|
दोस्तों! हम सब को यह समझना होगा की वृक्ष हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं| हमें उन्हें काटना नहीं चाहिए| हमें उनसे भेद-भाव न करने की सीख लेनी चाहिए| एक से शुरुआत तो कीजये बाकि सब खुद समझ जायेंगे|
bahut khoob sana
ReplyDeleteWah
ReplyDeleteबहुत अच्छा सना......
ReplyDeleteसबको बहुत बहुत शुक्रिया!!!! :) :)
ReplyDeleteGood
ReplyDeletethnkew
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