उफ़! लखनऊ की गर्मी| पूरा जून बीत गया पर बारिश का
नामो निशान नहीं है| मन तो करता है कि पुरे दिन बस
ऐ.सी मैं बैठे रहें या तो ठन्डे पानी के नीचे बैठे रहें| समाचार मैं तो बोलते हैं कि २०
तारीक तक बारिश होने की सम्भावना है, पर मुझे तो बारिश की एक बूँद भी
अभी तक नहीं दिखी| पता नहीं इस बार मानसून लखनऊ
मैं दस्तक देगा भी कि नहीं| इस गर्मी में बदन से कपड़े तो
ऐसे चिपकते हैं कि मैं क्या बताऊँ, बाल गर्दन से ऐसे चिपकते हैं की
मन करता है कि काट कर फेक दूँ| ऊपर से रमज़ान भी इसी गर्मी से भरे
जून में पड़ा| मैं
तो सोचती हूँ कि लोग रोज़ा कैसे इस गर्मी मैं रखते होंगे| मेरे पापा ने रोज़ेदारों के लिए
एक बहुत अच्छा मेसेज भेजा था| उस मेसेज मैं लिखा था कि सहरी
के वक्त २ चम्मच दही मैं अगर हम एलईची मिला कर खाते हैं तो हमें दिन भर प्यास नहीं
लगेगी| दोस्तों मैं एक बात बोलना चाहती
हूँ कि जैसे इस गर्मी में हमलोगों को प्यास लगती है, वैसे ही चिड़ियों को भी प्यास
लगती है| हमारे देश में हर साल गर्मी से
कितनी सारी चिड़ियाँ मर जाती हैं| इसीलिए मेरी आप सब से दरख्वास्त
है कि जब आप सुबह मैं उठते है तो आप अपने बरामदे मैं या छत पर थोड़े से अनाज के
दाने और एक कटोरी में थोडा सा पानी रख दें| आपके इस छोटे से काम से हज़ारों
चिड़ियाँ बच सकती हैं| पर कुछ भी कहें दोस्तों आप लोग
अपना ख़याल रखियेगा और इस गर्मी मैं अपनी तबियेत मत खराब कर लीजेगा| तब तक के लिए अलविदा|
मनुष्य के जीवन में वृक्ष की बहुत मान्यता है| वृक्ष हमें कितनी सारी चीज़ें प्रदान करते हैं| परन्तु सबसे अहम् वे हमें आक्सीजन देते हैं, जिसके कारण हम जीवित हैं| कहीं-न-कहीं हम सब को यह बात पता है कि वृक्ष हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं, तब भी हम उन्हें काटते हैं| वृक्ष उन्हें भी छाया, लकड़ी और फल देते हैं जो उन्हें काटते हैं| यह बात हम सब को पता तो है परन्तु कोई मानना नहीं चाहता| हम जब पेड़ों को काटते हैं तो यही सोचते हैं कि "एक पेड़ को काटने से क्या हो जायेगा"| लेकिन एक-एक करके वे लाखों की तादाद में कट जाते हैं| दोस्तों! पर्यायवरण के बारे में नहीं, तो, कम-से-कम अपने बारे में हे सोच लीजये| अगर पेड़ नहीं तो हम नहीं| अच्छा वो सब छोडिये| एक बात बताइए, आज-कल काफी गर्मी हो रही है ना? बारिश का तो नामो-निशाँ नहीं है| घर से बहार निकलो तो लगता है की अभी बस बेहोश हो जायेंगे| लेकी इन सब का कारण क्या है? पेड़ों का काटना| जी हाँ! पेड़ों के काटने से मौसम में काफी बदलाव आते हैं| बारिश न होना, अत्यंत...
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